Monday, September 19, 2011

जल्द राहत मिलेगी माइग्रेन से



लास एंजेलिस। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने माइग्रेन को समझने मे मदद के लिए तीन जीन (आनुवांशिक इकाई) खोजे है। इन तीन जीनों में से किसी एक जीन के माता-पिता से बच्चों में पहुंचने पर भयंकर सिरदर्द का खतरा 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

ये तीन जीन टीआरपीएम8, एलआरपी1 और पीआरडीएम16 हैं। इनमें से पहले जीन की मौजूदगी सर्दी और दर्द के प्रति संवेदनशीलता के लिए जिम्मेदार होती है जबकि दूसरे जीन की मौजूदगी तंत्रिकाओं में संकेतों के प्रवाह को प्रभावित करती है।

हार्वर्ड मेडीकल स्कूल के ब्रिगहैम एंड वूमैन्स अस्पताल के शोधकर्ता डेनियल चैसमैन का कहना है, "अब तक माइग्रेन को पूरी तरह से ना समझने के कारण इसकी वजहों को दूर करना मुश्किल था। लेकिन अब तीन नए जीनों की खोज से इस बीमारी के जीववैज्ञानिक कारणों को समझने और इस स्थिति के इलाज की दिशा में मदद मिल सकेगी।"

" शोधकर्ताओं ने 5,000 माइग्रेन पीड़ित महिलाओं सहित 23,000 से अधिक महिलाओं के आनुवांशिक आंक़डों के परीक्षण के आधार पर यह शोध किया है।
माइग्रेन एक ऎसी बीमारी है जिसमें उद्दीपनों के प्रति तंत्रिका कोशिकाओं की असामान्य प्रतिक्रिया होती है। इस बीमारी में सिर में अत्यधिक दर्द होता है, इससे अक्सर मतली होती है व प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

Tuesday, March 22, 2011

अलसी महिमा : डॉ ओ पी वर्मा

आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक अलसी से आहार चिकित्सा

डॉक्टर ओ0 पी0 वर्मा रचित ‘‘अलसी महिमा’’नामक पुस्तिका प्रकाशित हुई है। उक्त पुस्तिका को आप क्वूदसवंक डल ठववासमजे के टेग के नीचे अंकित नाम पर क्लिक कर उसे डाउनलोड करें। छपी हुई पुस्तक आप मुझसे मंगवा भी सकते हैं।
अलसी महिमा : डॉ ओ पी वर्मा

पुस्तिका की विषय वस्तु
अलसी एक चमत्कारी आयुवर्धक, आरोग्यवर्धक दैविक भोजन है। अलसी एक प्राणदायी औषधि है। कैंसर , ब्लड प्रेशर, अर्थाराइटीस, डाइबीटिज , अपच आदि का इलाज अलसी के सेवन से होता है। जिसका विस्तृत वर्णन पुस्तक में है।अलसी एक सम्पूर्ण आहार है, इसमें 18 प्रतिशत प्रोटीन 27 प्रतिशत फाइबर, 18 प्रतिशत ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिगनेन व सभी विटामिन और खनिज लवणों का भण्डार है। अलसी रक्त को पतला बनाये रखती है। रक्त वाहिकाओं को स्वीपर की तरह साफ करती है। कॉलेस्ट्राल और ब्लड प्रेशर को सही रखती है। अलसी में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक है। इसलिए यह ईसबगोल से भी ज्यादा लाभदायक है। तभी अलसी के लिए कहा जाता है कि यह कब्जासुर का वध करती है। अलसी शक्तिवर्धक एंव बौडी बिल्डिंग  में सहायक है। तभी डबल्यू एच ओ ने इसे सुपर फूड की संज्ञा दी है। इसके अतिरिक्त पुस्तक में डा. योहाना बुडवीज का कैंसर रोधी आहार-विहार,अलसी के व्यंजन, वसा जो कारक है वसा जो मारक है, अलसी चालीसा, अलसी सेवन से लाभार्थिंयों के अनुभव संग्रहीत है। ढ़ेर सारी अनेक बातें अलसी के आहार से चिकित्सा से सम्बन्धी मौजूद है।
लेखक के बारे में एलोपैथिक डाक्टर ओ0 पी0 वर्मा फ्लेक्स अवेयेरनेस सोसायटी के अध्यक्ष है। देश के अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अलसी पर आपके आलेख छपे है। दूरदर्शन पर वार्ताएं प्रसारित हुई है। इन्होंने नाॅबेल पुरस्कार के लिए नामांकित जर्मन डा. बुडवीज के आधार पर अलसी से चिकित्सा पर बहुत कार्य किया है। कैंसर जैसे घातक रोगों का इलाज अलसी के द्वारा डा. बुडवीज ने किया है,जिसे बुडवीज प्रोटोकोल के नामा से जाना जाता है। (साभार- डॉ ओ पी वर्मा )

साभार
http://uthojago.wordpress.com/2011/03/11/%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%95-%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A7%E0%A4%95-%E0%A4%85%E0%A4%B2/

वक़्त रहते समझना होगा कि वास्तव में पानी ही अमृत है.

विश्व जल दिवस 22 मार्च 2011 पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून का संदेश

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वक़्त रहते समझना होगा कि वास्तव में पानी ही अमृत है.